Description
जहल नेपाली भाषाक कालजयी उपन्यास “कारागार”क मैथिली अनुवाद अछि। एकर मूल लेखिका छथि वानीरा गिरि । अस्तित्ववाद पर लिखल नेपालीक एहि उपन्यास मे एकटा अजग्गि स्त्रीक व्यथा-कथा आ संघर्ष देखाओल गेल अछि। नायिकाक दूरक सम्बन्धक माम संग प्रेम प्रकरण सेहो तर्कपूर्ण आ सहजताक संग एहि उपन्यासमे आयल अछि। उपन्यासक भाषा काव्यमय होइतहुं बोधगम्य अछि, जे पाठकके हृदयकें छुबैत अछि।
प्रदीप बिहारी कुशल अनुवादक छथि। एहि पोथीक मैथिली अनुवाद पढ़ैत अपने कें लागत जे मूल मैथिलीक पोथी पढ़ि रहल छी।
करीब पैंतालिस बरख पहिलुक लिखल ई उपन्यास नेपाली समाज आ पाठकक मोन मे एखनहुं बसल अछि। नेपाली उपन्यासक बेस्ट-सेलर पोथीमे अपन जगह छेकने अछि।
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