Description
परिमल एक साहित्यिक निबंधों का संग्रह है. इसके लेखक अनिल पतंग हैं . इस किताब में दो खण्डों में लेख समाहित हैं . इसमें कई लेख नाट्य विषय के भी हैं . ख्यातिप्राप्त नाटककार एवं रंगकर्मी होने के कारण अनिल पतंग जी की नाटक संबंधी सोच नयी पीढी के लिए अनुकरणीय है. दूसरे कांड में देश ले प्रसिद्ध लेखकों पर लिखे लेख भी हैं, साथे ही बेगुसराय के सामाजिक, साहित्यिक एवं राजनीतिक स्थितियों को उकेरती रचनाएँ भी हैं.
इस किताब की भाषा सहज, सरल एवं सम्प्रेस्नीय है, जो पाठकों को आकर्षित करती है.
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