Description
मैथिलीक लोकप्रिय रचनाकार जीवकान्त पांचो उपन्यासक संग्रह एहि पोथी मे भेल अछि। संचयन आ सम्पादन प्रदीप बिहारी कयलनि अछि।
जीवकान्तक आरम्भिक उपन्यास सभ उपलब्ध नहि छल, तेहन स्थिति मे पाठक/सर्जकलोकनि लेल एकठाम तीनू उपन्यासक उपलब्धता बड़ी टा बात अछि। पोथीक प्रकाशनक बाद पाठक द्वारा एहि पोथीक मांग खूबे रहल अछि।
निश्चितरूपें पठनीय आ संग्रहनीय पोथी थिक ई।
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