Description
अंतरंग भारतीय भाषाओं की अनुवाद पत्रिका है। इसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं का साहित्य हिंदी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। साहित्य के सजग पाठकों के लिए यह एक जरूरी पत्रिका है। अपनी स्तरीयता के कारण लोकप्रिय यह पत्रिका के पाठक देश-विदेश में फैले हैं।
साक्षात्कार
कच्ची उम्र संस्कृति को रौंदती है, पकी उम्र उसे संभालती है – जीवकान्त
आलेख
नागार्जुन का मैथिली कथा-साहित्य- कीर्तिनारायण मिश्र
नागार्जुन की कविताओं में प्रतीक योजना – नरेन्द्र
मृत व्यक्ति केवल मथत नहीं है – अरुणाभ सौरभ
रवीन्द्र एवं पंत की सौंदर्य चेतना – सुचिस्मिता दास
अव्यतीत अतीत
वह मुझ में संस्कार की तरह जीवित है – देवशंकर नवीन
कविताएं
मनप्रसाद, राजेन्द्र भंडारी एवं तिलक लम्साल (नेपाली), मुकुन्द रामाराव (तेलुगु), राजकुमार कुम्भज(हिंदी) के अतिरिक्त
फ्रिडरिश शिल्लर, गाएथे, मार्टिन नीम्योलर, बर्तोल्त ब्रेख्त (जर्मनी), एमिली डिकिन्स (अंग्रेजी) तथा पाब्लो नेरूदा (स्पैनिश) की कविताएं।
कहानियां
लिली रे (मैथिली), मौसुमी कंदली (असमिया), ग्रेसी (मलयालम), सिनीवाली (हिंदी), भ्रमर लाल भ्रमर (राजस्थानी), अहमद रशीद (ऊर्दू)
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