Description
प्रदीप बिहारीक ई पहिल उपन्यास छनि। एहि उपन्यासक रचना ओ मात्र उनैस बरखक बयस मे कयलनि। गाममे होइत शोषण, पटिदारी वैमनस्य, अस्तित्व लेल शोषितक संघर्ष आदि कें एहि उपन्यास मे नीक ढ़गे प्रस्तुत कयल गेल अछि। किशोरावस्थाक अपरिपक्व प्रेम, जे देह-लोभक बहन्ना टा बनैत अछि, के सेहो प्रभावोत्पादक ढंग सं कहल गेल अछि। उपन्यासक कथा-धरातल एकटा गाम अछि, जे मिथिलाक गाम अछि। ओही गामक दुख, सुख, खुशी-रोदन, शोषण आ ताहिसं मुक्तिक लेल संघर्ष कथावस्तु अछि। प्रदीप बिहारीक भाषा सरल आ प्रभावी अछि। उपन्यास मे वातावरणक निर्माण एतेक कुशलतापूर्वक कयल गेल अछि जे पाठक कें लागि सकैत छनि जे ई हुनके गामक कथा होनि।
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