Description
ओड़िया के प्रसिद्ध कवि डा. फनी महांतिक प्रेम कविताक संग्रह ‘प्रियतमा मैथिली अनुवाद प्रदीप बिहारी द्वारा कयल गेल अछि। प्रेम शाश्वत अछि। ई कोनो समय आ कोनो बयस मे भ’ सकैत अछि। प्रेम जीवनक आधार अछि। प्रेम अपन दूटा स्वरूप मे उपस्थित होइछ – मिलन आ बिछोह। एहि संग्रहक कविता मे वियोग भोगैत एकटा प्रेमीक आर्तनाद बहुत महत्वपूर्ण आ रोचक ढंगें आयल अछि। कविता पढ़ैत काल पाठककें बुझयतनि जे हमरे कोनो चिन्ह-जानक लोकक बात कहल जा रहल अछि। दुनू भाषाक ज्ञानी लोककें कहब छनि जे मैथिली अनुवाद पढ़ैत काल ई नहि बुझाइत छै जे ई मूल मैथिलीक कृति नहि छै।
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